शब्दांकुर प्रकाशन

Book Name – Template by Jessica Doe PRO

ISBN -

Subject -

Genre -

Language -

Edition -

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Publication Date -

Hours To Read -

Pages -

Total Words -

978-93-85776-33-5

Poetry

Nature

Hindi

1st

32MB

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30 minutes

56

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ABOUT BOOK

नारी विमर्श पर आंसू छंद में लिखी कल्पना की यह कृति अनुपम है। श्रृंगार, वीर, करूण रस में लिखी इस रचना में उपमा अलंकार की छवि दर्शनीय है। भाषा सरल है, रचना का भाव और कला पक्ष सबल है। नारी के विविध रूपों का वर्णन करते हुए कवियत्री ने प्रकृति को नारी की सहेली के रूप में देखा। निसन्देह कवियत्री ने नारी को एक नयी उपमा से परिभाषित किया है। नारी पर प्रश्नचिह्न लगते देर नहीं लगती। जननी पर अत्याचार असह्य हो जाता है। कल्पना शुक्ला त्रिवेदी ने गहराई में पैठकर काव्य के मोती पाये हैं। कविता में यति, गति, लय, तुक, छंद सभी प्रशंसनीय हैं। वात्सल्य, करुणा, शान्त, श्रृंगार , वीर रसों का उद्वेक हुआ है। अनुप्रास, उपमा, रूपक अलंकारों को प्रमुख स्थान मिला है। भाषा की प्रांजलता तथा अनूठा शब्द चयन कविता के स्तर को समुन्नत करता है।

ABOUT AUTHOR

मूलतः उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के छोटे से गाँव सिंहपुर से हैं। वर्तमान में दिल्ली में निवास है, आकाशवाणी दिल्ली से उद्घोषिका के रूप में जुड़ी हुई हैं। अंग्रेजी साहित्य एवं राजनीति विज्ञान में परास्नातक। कविता, गीत, सन्गीत से बचपन से लगाव रहा। लेखन में सामाजिक विसंगतियों को आधार बना कर उन्हें समाप्त करने की दिशा में प्रयास करने का आह्वान कर रही हैं। महिला विषयक लेखन से प्रसिद्धि पाई, प्रथम प्रकाशित पुस्तक क्रंदन(2019), देश के अनेक प्रतिष्ठित मन्चो से निरंतर काव्यपाठ एवम अनेक साहित्यिक संस्थानों द्वारा सम्मान प्राप्त हुए हैं।

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