ISBN -
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Language -
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Publication Date -
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Pages -
Total Words -
978-93-85776-88-5
Poetry
Nature
Hindi
1st
22.9 MB
April 2021
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136
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ABOUT BOOK
पुस्तक का शीर्षक ‘शब्द-बटोही पथ-अन्तर्घट’ स्वयं में बहुत कुछ स्पष्ट कर रहा है कि इंसान के अन्तर्घट में शब्द-बटोही बन के विचरते हैं जो कि उसकी भावनाओं/कल्पनाओं और उसके इर्द-गिर्द की परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं और उनसे स्वतः ही कविता का जन्म होता है।
इस अवधारणा में बचपन से बुढ़ापे तक, निरक्षर से साक्षर तक सभी जुड़े होते हैं, इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुये हमने इस साँझा संग्रह में नवांकुर एवं विख्यात साहित्यकारों की काव्य-रचनाओ को संकलित किया है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि नवांकुर रचनाकार विशिष्ठ कवियों की काव्य- सृजन शैली, शब्द संयोजन एवं भाव प्रकटीकरण को समझते हुए भविष्य में सुंदर एवं सार्थक रचनाओं का सृजन कर सकें जो राष्ट्र एवं समाज को अपना सार्थक योगदान दे सकें।
किसी ने कितना सच कहा है
“कलम की ताकत तलवार से अधिक होती है।” हमारी अपेक्षा है कि नई पीढ़ी अच्छे साहित्य की ओर ध्यान देगी और इस दौर के चपल साहित्य से अपने आप को दूर रखते हुए अपनी ऊर्जा का सदुपयोग कर सकेगी। नारी तू कल्याणी निरीह और शोषित महिलाओं के कल्याण के लिए विगत कई वर्षों से अपनी भूमिका पूरी जागृति एवं कर्तव्य-निष्ठा से निभा रही है। ये साझा-काव्य संकलन उसी प्रकिया का एक अभिन्न हिस्सा है।