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बूंदे, दो-दो पंक्तियों की छोटी छोटी सरल बूंदे है जो कवि के मनोभावों को व्यक्त करती है। बूंदे के रचनाकार प्रेम के कवि है सृंगार के कवि है इसलिए बूंदों में प्रेम, प्यार, वफ़ा, बेवफाई, जुदाई बड़े ही अच्छी तरह से पेश की गई है।