शब्दांकुर प्रकाशन

shabdon ki tarni lahron par

shabdon ki tarni lahron par

ISBN -

Subject -

Genre -

Language -

Edition -

File Size -

Publication Date -

Hours To Read -

Pages -

Total Words -

978-93-91546-68-7

Poetry

Nature

Hindi

1st

20 MB

Sep 2023

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112

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ABOUT BOOK

कृति की काव्य-भाषा भावानुकूल प्रसाद, माधुर्य एवं ओज-गुण से दीप्त मानक खडी़बोली है, जिसमें प्रचलित विदेशी शब्दों का खुलकर उपयोग हुआ है। शैली विविध छंदानुशासनों में सधी-सँवरी, सहज प्रवाही और गीत-रचना के कतिपय नये प्रयोगों से भी सम्पन्न है। दोहा, चैपाई प्रभृति छंदों के आधार पर निर्मित गीत इसी कोटि के हैं। इन अधिसंख्य गीतों, कुछ बालगीतों और नवगीतों में सहज स्वाभाविक रूप से यथास्थान विभिन्न शब्द तथा अर्थ-परक अलंकारों यथाः अनुप्रास, श्लेष, उपमा, उत्प्रेक्षा, रूपक, मानवीकरण, विरोधाभास, विभावना आदि के साथ ही मुहावरों, प्रतीकों तथा बिम्बों का सुरम्य मनोग्राही विन्यास है।

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