पूरा नाम : अश्वनी कुमार राघव
पिता का नाम : स्व. रामपाल सिंह राघव
जन्म तिथि : 1977-11-17
जन्म स्थान : दिल्ली
वर्तमान शहर : आयानगर, नई दिल्ली
शिक्षा : एम.ए
रुचियाँ : लेखन
Occupation : सलाहकार, दिल्ली राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी, दिल्ली सरकार
About Author
अश्वनी कुमार राघव, दिल्ली राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी में परामर्शदाता के रूप में कार्यरत हूँ। मेरी शैक्षिक पृष्ठभूमि समाजशास्त्र में परस्नातक है, और मैंने इलेक्ट्रो होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, स्ट्रेस मैनेजमेंट, और इमोशनल इंटेलिजेंस में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। मुझे लेखन का शौक बचपन से ही रहा है। मेरी कविताएं और लेख प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। हिंदी अकादमी द्वारा मुझे आशु लेखन में पुरस्कृत किया गया है।
एक दिन
एक दिन
खामोश हो जाऊंगा मैं
जैसे खामोश हो जाती हैं
थक कर चीखें
भूख से इज्ज़त
जैसे खामोश हो जाता है
गरीब का गुस्सा
कमजोर का हिस्सा
जैसे खामोश हो जाते हैं
दंगो के बाद रास्ते
ढहने के बाद पहाड़
जैसे खामोश हो जाती है
रेलवे स्टेशन की मुनादी
महामारी के बाद आबादी
जैसे खामोश हो जाती है
डरे हुए की आवाज़
बिके हुए का लिहाज
जैसे खामोश हो जाते हैं
जिम्मेदारी से सपने
तंगहाली में अपने
जैसे खामोश हो गये हैं
दोस्तो की गप्पबाजी
फोटो में लटके पिताजी
खामोश हो जाऊंगा मैं
एक दिन
फिर
कहीं से आ जायेगी
मेरी कविता तुम्हारे सामने
तुम्हे लगेगी अपनी सी
तुम पढ़ोगे मेरा नाम
मेरे मरने के बाद
एक दिन !! –अश्वनी राघव ‘रामेंदु’
सम्पर्क
फ़ोन नंबर: 09871054552
ईमेल पता: ashwanikraghav@gmail.com
पता : A2/174,
गली न – 9, फेस -5,
आया नगर एक्सटेंशन
नयी दिल्ली – 110047
Very nice
VERY NICE POEM
Thank you Prerna ji
अति सुन्दर प्रस्तुति भाई जी ।
अभी तो जीना है, अपनों के लिए।
जो सजोये हैं उन, सपनों के लिए।।
अभी ख्वाहिश है जमाने को, तुम्हारे इलम से।
अभी निकलेंगे कई मिसरे ,तुम्हारी कलम से।।
बहुत खूब
शुक्रिया 🙏
शुक्रिया भाई साहब