Full Name : Mushtak Ahmad Shah
Father’s Name : Ashfaque Ahmad
Date Of Birth : 1963-06-24
Birth Place : Baldi khandwa dist
Current City : Harda
Education : BNYS naturopathy, m.com, B.Ed, pharmacist CCH न्यूट्रिशन,एंड optician
Interests : गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना
Occupation : Pharmacist and medical prectioner
About Author :
डॉ.मुश्ताक़ अहमद शाह.
वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह,
उपनाम – सहज़
शिक्षा— बी.एन.वाय.एस. ,बैचलर ऑफ़ नैचुरोपेथिक मेडिसिन एंड यौगिक साईन्स, बी.कॉम, एम. कॉम ,
बी.एड. ,फार्मासिस्ट, एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच .
जन्मतिथि- जून 24,
जन्मभूमि – ग्राम बलड़ी,
तहसील हरसूद,
जिला खंडवा ,
कर्मभूमि – हरदा ,magardha M. P.
उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान ,
लेखन में विशेष रुचि ,
अध्ययन करते रहना,
और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना ,
शौक़ – गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक़ पैदा हुआ जो आपके सामने है,
स्थायी पता- . मगरधा ।
जिला – हरदा, राज्य –
मध्य प्रदेश पिन 461335,
1. पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा,
2. पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी,तहसिल हरसूद,
3. ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी,तहसिल हरसूद,
4. पूर्व क्म्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा,
रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में निरंतर 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमस एक्सप्रेससाचार पत्र एजुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धानी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर समाचार पत्र पश्चिम बंगाल, अनोखा तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, जयीप पत्रिका,दक्षिण समाचार पत्र, नगर संवाद, नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, अनकहे अल्फ़ाज़ समाचार पत्र,कलम कार हिंदी पोर्टल हिन्दीबोल इंडिया, स्वर्णिम साहित्य,में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर,मधुरिमा, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण , कौसर एक्सप्रेस, इंदौर समाचार पत्र,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर,दक्षिण समाचार, जयदी पत्रिका, laxydeep deep, जलपाई गुड़ी, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, और भी कई पत्र पत्रिकाओं जयदीप पत्रिका, जयविजय पत्रिका, में मेरीरचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं,
अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 5 एकल कविता ग़ज़ल संकलन एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन प्रकाशित, , हाल ही में जो साझा संग्रह Raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,25.रौशनाई 26 नई सदी के 11कवि,27 अक्षर वाटिक,28,21वीं सदि के 1001 कवि,29 अनमोल रत्न,30मेरी श्रेष्ठ कवितायें, संग्रह जिसमें मेरी अभी तक की चुनिंदा रचनाएँ यानी ग़ज़ल कविताएं और गीत शामिल हैं,31, बहुत ही जल्द प्रकाशित हिने वाली श्रेष्ठ साझा पुस्तक गुलबहार,
और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें सुलझी अनसुलझी सी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में मेरी श्रेष्ठ कविताएँ ।और 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन से जल्द आने वाले हैं, जल्द ही सभी अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, हाल ही में आईसेक्ट प्रकाशन समुह भोपाल द्वारा हरदा कवि और कविता साझा संग्रह प्रकाशित हुआ है, और रवीना प्रकाशन से हल ही में चार साझा संग्रह, जिसमें प्रथम _ इज़हार, द्वितीय _जिंदगी नामा तीसरी_ मेरी कविताएं और चौथा साझा संग्रह _काव्यवर्तिका प्रकाशित हुआ है, साथ ही वायक्तिगत अगला संग्रह यादों के पन्ने भी प्रकाशन आया है।दुआओं का ख़ैर तलब, डॉ.मुश्ताक़ अहमद शाह,
Representative Work :
वो हसीन आंखे नहीं मिलीं ,
थी जुस्तजू जिसकी वो नज़ाकत नहीं मिली ।
रातों को जागने की कोई शरारत नहीं मिली ।
न जाने कौनसा पल था जो गिरफ्तार हो गये ।
उसकी मुहब्बत से फिर ज़मानत नहीं मिली ।
ज़िन्दगी के सफ़र में साथ मैं दूर तक गया ।
इज़हारे मुहब्बत की कोईभी सुरत नहीं मिली ।
वजह सर पे इल्ज़ाम बे वफ़ाई का आ गया ।
हसीन शोख से मेरी कभी तबीयत नहीं मिली ।
करवटें बदल कर बस ख्वाब हम देखते रहे ।
सुकुन हुआ न मयस्सर हक़ीक़त नहीं मिली ।
क़श्ती उम्मीद की ” मुश्ताक” डगमगा ही गई ।
जिसमें डूब जाऊं वो हसीन आँखें नहीं मिली ।
–डॉ . मुश्ताक अहमद शाह ” सहज”
सम्पर्क
Phone No : 09993901625
Email Address : Dr.m.a.shah0102@gmail.com
फेसबुक प्रोफाइल,
https://www.facebook.com/mustaqueahmad.shah