शब्दांकुर प्रकाशन

Aadmi Dogle Ho Gaye by Halchal Haryanvi

ISBN -

Subject -

Genre -

Language -

Edition -

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Publication Date -

Hours To Read -

Pages -

Total Words -

978-93-85776-85-4

Poetry

Nature

Hindi

1st

13 MB

April 2021

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104

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ABOUT BOOK

सुप्रसिद्ध हास्य कवि श्री हलचल हरियाणवी की गीत-गज़ल संग्रह “आदमी दोगले हो गये ” अपने आप में अनुपम पठनीय, चिंतनीय और संग्रहणीय रचना है। कवि ने चुटीले अंदाज में बड़ी गंभीर बातें कह डाली हैं। देश की अस्मिता से खिलवाड़ करने की बदनीयत रखने वालों के मुंह पर तमाचा भी जड़ दिया है और रोने भी नहीं दिया है । इसे ही क्रिकेट की भाषा में ” नो बॉल पर छक्का ” कहा जाता है। ऐसे अभिनव शिल्प और शब्द विन्यास से विभूषित यह कृति- वनिता आपके श्री हस्तों में विराजमान है । एक सहृदय गुणी पाठक की तरह इसका इस्तकबाल कीजिए।

ABOUT AUTHOR

नीमराना से निकल बीकानेर बसगये
जगनी के पोते बारबर्र कहलाये हम
पंद्रह नवम्बर धराअवतार लिया उन्निस
सो उननचास साल कहलाये हम

हास्य-व्यंग्य उगले ‘अल्हड़’ गुरु कृपा
मनोहर लाल के ‘लाल’ कहलाये हम
लक्ष्मी के संग फेरे पड़े जिस घड़ी मेरै
लक्ष्मी के पति कंगाल कहलाये हम

कविता संगीता मेरी आत्मजा पैदा हुई
दीपक,भारत पुत्र मेरे ‘भाल’ कहलाये हम
भाई बुधराम रहे कला इष्ट-देव मेरे
चन्दरो मां के “स्वर-ताल” कहलाये हम

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