शब्दांकुर प्रकाशन

Aambagaan by Gopi Prasad pasbola ‘shandily’

ISBN -

Subject -

Genre -

Language -

Edition -

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Publication Date -

Hours To Read -

Pages -

Total Words -

978-81-19686-03-2

Stories

Nature

Hindi

1st

84.2 MB

November 2023

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174

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ABOUT BOOK

‘आमबागान’ गोपी प्रसाद पसबोला ‘शाण्डिल्य’ जी की छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह है। ये वर्ष 1983 से 1993 के मध्य कोलकाता के नॉर्थ गेट में स्थित आम बागान की पृष्ठभूमि पर आधारित उसके इर्द-गिर्द घूमती छोटी-छोटी एवं खट्टी-मिठी कहानियों का संकलन है।

ABOUT AUTHOR

मैं गोपी प्रसाद पसबोला ‘शांडिल्य‘ जो वर्तमान में देवभूमि“उत्तराखंड” राज्य के खूबसूरत शहर एवं उसकी शीतकालीन राजधानी ‘देहरादून’ में रहकर अपने जीवन का आनंद ले रहा हूँ। हिमालय पर्वत श्रृंखला के तलहटी में बसा यह खूबसूरत शहर प्रारम्भ से ही अपने प्रकृति सौंदर्यता एवम रमणीयता के लिए सदैव से विश्व धरातल के आकर्षण के केंद्रबिंदु में रहा है और इसकी यही आकर्षणता हम सभी को सदियों से स्वतः ही अपनी ओर खींचती चली आयी है।जिससे मैं भी अछुता नही रह पाया। इसे पूर्व मेरे जीवन का एक लम्बा एवं अतिमहत्वपूर्ण समयांतर चक्रवर्ती सम्राट राजा भरत की जन्मस्थली एवं सप्तऋषियों में से एक महर्षि कण्व की तपस्थली ‘कण्वद्वार‘ जो पूर्व में ‘कोटद्वार’ नाम से जाना जाता रहा है जोकि देवभूमि“उत्तराखंड” राज्य के ही जनपद “पौड़ी गढ़वाल” का एक छोटा एवं अतिखूबसूरत सा शहर है, में मुझे रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है । मैं स्वयं के कार्यक्षेत्र की चर्चा करूँ तो मैं वर्तमान में विश्व के सबसे विशाल एवम सशक्त अर्द्धसैनिक बल ‘केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल’ का एक हिस्सा बनकर रेडियो ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हूँ।इस महान बल से जुड़ना एवं अपनी सेवायें,अपनी मातृभूमि को देना, मुझे स्वयं में गौरवान्वित महसूस करवाने का अवसर देती है।

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