ISBN -
Subject -
Genre -
Language -
Edition -
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Publication Date -
Hours To Read -
Pages -
Total Words -
978-93-85776-61-8
Poetry
Nature
Hindi
1st
9 MB
April 2021
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72
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ABOUT BOOK
प्रेम बहुत खूबसूरत है। जब वह पूरा हो जाय तब भी, लेकिन तब पूरा न हो, तब कहीं ज़्यादा खूबसूरत। प्रेम की भावना किसी मौन मन मे भी अनकहे शब्दों को पैदा कर देने की ताकत रखती है। बहुत से कवियों, विद्वानों, चिंतकों, बुद्धिजीवियों ने अपने-अपने हिसाब से प्रेम के भाव को व्यक्त करने की कोशिश की है, फिर भी ऐसा लगता है कि प्रेम के विषय में अभी भी बहुत कुछ कहने की गुंजाइश है।
कहा यह भी जाता है कि सच्चा प्रेम कभी पूरा नहीं होता। यह स्वयं अपूर्ण होते हुए भी पूरी दुनिया को पूर्ण करने की क्षमता रखता है। अधूरे प्रेम में अनेक बार विशाल इबारत गढ़ी गई हैं। ऐसे ही एक अधूरे प्रेम में रची गई यह पुस्तक ‘आपके जाने के बाद’ आपके हाथों में है। इस पुस्तक में विरह के स्वर अधिक हैं। जो आपको केवल निराश नहीं करते बल्कि प्रेम की खूबसूरती और बेशकीमती अहसासात से आपको मिलवाते हैं।
यहां मिलन भी है और विरह भी, दर्द भी है और राहत भी, अश्क भी हैं तथा मुस्कान भी, बेचैनी भी है और सुकून भी, बादशाही भी है और फकीरी भी। कहने का अर्थ है कि इन ग़ज़लों में वो सब मिलेगा जो कि एक प्रेम की अभिव्यक्ति में होना चाहिए। उम्मीद है प्रेम के अलग-अलग भावों को अपने अंदर समेटे हुए ये ग़ज़लें आपको आपके मन को छू पाएंगी, आपकी भावनाओं में ढल पाएंगी। आशा है आपको पुस्तक पसंद आयेगी।
ABOUT AUTHOR
के शंकर सौम्य एक कवि, सम्पादक, प्रकाशक और यूट्यूबर हैं। वे शब्दांकुर प्रकाशन, नई दिल्ली में प्रबंध संपादक हैं। इसके अतिरिक्त संपादक, अदभुत इंडिया (मासिक), एंकर, ‘चाय पर कविता’ (ऑनलाइन पोएट्री शो), महासचिव, नवांकुर साहित्य सभा, दिल्ली एवं संस्थापक सदस्य, हिंदी की गूंज, दिल्ली के रूप में भी कार्य कर रहे हैं। उनकी यह तीसरी पुस्तक है। इससे पहले उनकी पुस्तक ‘अनबूझ पहेली’ और ‘बाल पहेली संसार’ (ई-बुक, किंडल एडिशन) प्रकाशित हो चुकी हैं।
उन्होंने ‘गूंज’ पत्रिका (वर्ष 2012), ‘काव्यांकुर’ (वार्षिक काव्य श्रृंखला), कव्यशाला, काव्यमाला, रजनीगंधा, दोहा-कलश आदि पुस्तकों का संपादन भी किया है।