‘आठ आठ आठ सात’ घनाक्षरी छंद में लिखित, हास्य-व्यंग्य रचनाओं का संग्रह है, जिनका लयबद्ध वाचन करके पाठक अपने आनंद को दुगना कर सकते हैं। राजनीति के अतिरिक्त समाज में व्यापत अन्य बुराइयों पर लिखा गया है। देशप्रेम से ओत-प्रोत कुछ कविताएँ वीरभूमि अहीरवाल से संबधित हैं। रचनाओं में हास्य-व्यंग्य की प्रचुरता है।
30 जुलाई 1973 को जन्मे, हरियाणा के रेवाड़ी जिले में रह रहे राजेश कुमार यादव को साहित्य के क्षेत्र में राजेश भुलक्कड़ के नाम से जाना जाता है। इनकी माँ का नाम कृष्णा और पिता का नाम सूबेदार मोहन लाल है। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय से स्नातक करने के पश्चात ये दिल्ली पुलिस में सेवा करने लगे। कविताई के अतिरिक्त इनकी ग़ज़लगोई में भी रूचि है। एक और जहाँ वे “कुछ खास नहीं जन्नत”, “रेजांगला” तथा “भुलक्कड़ सतसई” जैसी पुस्तकें लिख चुके हैं, वहीं काव्य-मंचों पर हास्य-व्यंग्य कवि के रूप में भी इनकी विशिष्ट पहचान है।