दोहा रोला मिल बना, यह कुण्डलिया छंद। अनुपम भाव ‘अचूक’ के, कवि का सुगम प्रबंध ।। कवि का सुगम प्रबंध पुष्प गुच्छों की माला। दो सौ छंद विधान ग्रंथ उत्तम रच डाला।। विविध विषय हैं भरे पद्य पढ़कर मन मोहा। भाषा सरल सुबोध सज रहे रोला दोहा।।
उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जनपद बांसुरी में सुमधुर स्वर फूंकने और बाँसमती चावल की भीनी खुशबू हेतु देश दुनिया में जाना जाता है। यहां जन मन भावन व पावन आदि गंगा माँ गोमती के पौराणिक उदगम स्थल (माधोटांडा) के निकटवर्ती कस्बा पूरनपुर (पंकजनगर) निवासी सतीश मिश्र ‘अचूक’ आशुकवि व साहित्यकार के अलावा एक संवेदनशील पत्रकार भी हैं। 9 जुलाई 1974 को ग्राम सपहा जनपद शाहजहांपुर (अब पीलीभीत) में स्व.पंडित जियालाल मिश्र व स्व. प्रेमा देवी मिश्रा के घर जन्मे
सतीश मिश्र ने प्राथमिक शिक्षा पड़ोसी गांव बागर व कुर्रैया में प्राप्त की। पूरनपुर के पब्लिक इंटर कालेज से माध्यमिक और पीलीभीत के उपाधि स्नातकोत्तर महाविद्यालय (एमजेपी रुहेलखंड विवि) से स्नातक किया।