शब्दांकुर प्रकाशन

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srijanhar ka uphaar

पुस्तक समीक्षा : सृजनहार का उपहार

लेखक : ऋषिपुत्र सूबे सिंह सत्यदर्शी समीक्षाकार : ब्रिगेडियर राजाराम यादव ऋषिपुत्र सूबेसिंह सत्यदर्शी ने मनुष्य जीवन के वास्तविक उद्धेश्य और रचयिता की श्रेष्ठ मंशा को स्पष्ट करके अपनी नई पुस्तक “सृजनहार का उपहार” का विमोचन किया है।प्रसिद्ध लेखक, सत्यदर्शी की पुस्तक पृथ्वी पर के जीवन के उद्धेश्य और भविष्य के सुंदर चित्रण के साथ …

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पुस्तक समीक्षा : नीली धूप में

रचनाकार : रामकिशोर उपाध्यायसमीक्षाकार : अरविंद कुमार सिंह ‘नीली धूप में’ चर्चित रचनाकार और भारतीय रेल सेवा के अधिकारी रहे श्री रामकिशोर उपाध्याय जी का कविता संग्रह है। इलाहाबाद और भारतीय रेल ये दोनों मेरे दिल के बहुत करीब हैं और इस काव्य संकलन का संबंध भी इन दोनों से है। इसका नामकरण भी एक …

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परवाज़-ए-ग़ज़ल 5 मेरी नज़र से

सम्पादक : अजय ‘अज्ञात’समीक्षाकार : रौशन सिद्दीक़ी ‘रौशन’ मोहतरम जनाब अजय अज्ञात साहब के किए गए वादे के मुताबिक़ उनके ज़रिए शाया किरदा परवाज़-ए-ग़ज़ल 5 की किताब सभी ग़ज़लगो को उनके घरों पर बरवक़्त मौसूल हुयी । वादे पर क़ायम और उनकी ज़बान के पुख़्तगी के लिए जनाब अज्ञात साहब मुबारकबाद के मुस्तहक़ हैं । …

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पुस्तक समीक्षा : नीली धूप में

रचनाकार : रामकिशोर उपाध्यायसमीक्षाकार : अरविंद कुमार सिंह ‘नीली धूप में’ चर्चित रचनाकार और भारतीय रेल सेवा के अधिकारी रहे श्री रामकिशोर उपाध्याय जी का कविता संग्रह है। इलाहाबाद और भारतीय रेल ये दोनों मेरे दिल के बहुत करीब हैं और इस काव्य संकलन का संबंध भी इन दोनों से है। इसका नामकरण भी एक …

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पुस्तक समीक्षा : निर्मल नीर

काव्य संग्रह : निर्मला जोशी ‘निर्मल’समीक्षाकार : राजेंद्र पंत राजन साहित्य जीवन की अभव्यक्ति है। साहित्य समाज की ऐसी अंतर्धारा है जो साहित्य को चित्तपटल पर शब्दों के मुखर भावों को विविध रूपों में डालकर कालजयी बना देते हैं। साहित्य सर्जना में अंतःकरण से शब्दों का समायोजन विभिन्न शब्दों के मुखर भावों से अर्जित किया …

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बेहद धारदार है- भुलक्कड़ सतसई

रचनाकार : राजेश भुलक्कड़समीक्षाकार : सत्यवीर नाहड़िया दोहा साहित्य में सतसई परंपरा बेहद प्राचीन रही है, जो समकालीन साहित्यिक साधना में भी जारी है। भुलक्कड़ सतसई धारदार दोहों का एक नया संग्रह है। रेवाड़ी जिले के सुरहेली गांव में जन्मे, रेवाड़ी के विकासनगर में रह रहे, दिल्ली पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर सेवारत राजेश कुमार यादव …

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पुस्तक समीक्षा – तिनका-तिनका

लेखिका : पुष्पा मेहरा समीक्षाकार – शशि पुरवार तिनका-तिनका पुष्पा मेहरा जी का पहला दोहा संग्रह है। 10 जून 1941 को जन्मी श्रीमती पुष्पा मेहरा ने उम्र के ऐसे पड़ाव पर आकर लेखन शुरू किया जब लोग स्वयं को वैरागी समझने लगते हैं। उन्होंने न केवल साहित्यिक विधाओं को साधा अपितु साहित्य को समृद्ध किया है। उनका हाइकु संग्रह …

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लघुकथा – व्यवहार

एक ग्राम मुख्य मार्ग पर बसा था। मुख्य मार्ग के बीच में ही ग्राम के बीच एक बूढ़ा अपनी झोपड़ी में रहता था। उसने झोपड़ी के आसपास फूलों के पौधे तथा छायादार वृक्ष भी रोपित किए हुए थे। मुख्य मार्ग से गुजरने वाले यात्री बूढ़े की झोपड़ी के पास कुछ देर रुककर प्रकृति के सौंदर्य …

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पुस्तक समीक्षा – क्रंदन

पुस्तक : क्रंदन रचनाकार : कल्पना शुक्ला त्रिवेदीक समीक्षक : संध्या प्रह्लाद जब हम किसी स्नेहिल के विषय में कुछ लिखते हैं तो सत्य और सम्पूर्ण न्याय कहीं न कहीं बाधित होते हैं। हमारा स्नेह उसके पक्ष में परिलक्षित होता है। कल्पना से अगाध स्नेह होने के कारण मुझे क्रंदन के बारे में कुछ भी …

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तुलना करने से बचें

ईश्वर ने जब हमें बनाया तो हर व्यक्ति को एक ऐसी विशेषता से समृद्ध किया जो हमें लाखों की भीड़ में भी सबसे अलग खड़ा कर सके। पर हम ठहरे साधारण मनुष्य, हमें दिखता ही वही है जो हमारे पास नहीं है और हमें भाता वही है जो हम हो नहीं सकते। अपनी एक अच्छाई …

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