शब्दांकुर प्रकाशन

गोपी प्रसाद पसबोला 'शांडिल्य'

Gopi Prasad pasbola ‘shandily’

Full Name : गोपी प्रसाद पसबोला ‘शांडिल्य’
Father’s Name : स्वर्गीय देवी प्रसाद पसबोला
Date Of Birth : 1983-08-20
Birth Place : बैरकपुर, 24 परगना (पश्चिम बंगाल)
Current City : देहरादून (उत्तराखंड)
Education : स्नातक(हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, कोटद्वार)
Interests : लेखन एवं देश भ्रमण
Occupation : केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल

About Author

मैं गोपी प्रसाद पसबोला शांडिल्य जो वर्तमान में देवभूमिउत्तराखंड” राज्य के खूबसूरत शहर एवं उसकी शीतकालीन राजधानी ‘देहरादून’ में रहकर अपने जीवन का आनंद ले रहा हूँ। हिमालय पर्वत श्रृंखला के तलहटी में बसा यह खूबसूरत शहर प्रारम्भ से ही अपने प्रकृति सौंदर्यता एवम रमणीयता के लिए सदैव से विश्व धरातल के आकर्षण के केंद्रबिंदु में रहा है और इसकी यही आकर्षणता हम सभी को सदियों से स्वतः ही अपनी ओर खींचती चली आयी है।जिससे मैं भी अछुता नही रह पाया। इसे पूर्व मेरे जीवन का एक लम्बा एवं अतिमहत्वपूर्ण समयांतर चक्रवर्ती सम्राट राजा भरत की जन्मस्थली एवं सप्तऋषियों में से एक महर्षि कण्व की तपस्थलीकण्वद्वार‘ जो पूर्व में ‘कोटद्वार’ नाम से जाना जाता रहा है जोकि देवभूमिउत्तराखंड राज्य के ही जनपद “पौड़ी गढ़वाल” का एक छोटा एवं अतिखूबसूरत सा शहर है, में मुझे रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है ।

        मैं स्वयं के कार्यक्षेत्र की चर्चा करूँ तो मैं वर्तमान में विश्व के सबसे विशाल एवम सशक्त अर्द्धसैनिक बल ‘केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल’ का एक हिस्सा बनकर रेडियो ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हूँ।इस महान बल से जुड़ना एवं अपनी सेवायें,अपनी मातृभूमि को देना, मुझे स्वयं में गौरवान्वित महसूस करवाने का अवसर देती है।

         मेरा सदैव से यह मानना रहा है कि किसी भी व्यक्तिविशेष के जीवन को नई दिशा एवं दशा देने में उस व्यक्तिविशेष के परिवार का एक बहुत बड़ा एवं महत्वपूर्ण योगदान रहता हैं ।इस दृष्टिकोण से मेरा सदैव ईश्वर के प्रति अतिविशिष्ट ऋणी एवम कृतज्ञता का  भाव रहा  है कि उन्होंने मुझे “स्वयं से भी अधिक स्वयं को जानने वाले संयुक्त परिवार”  की अवधारणा का एक सशक्त एवम साकाररूप प्रदान किया हैं।

    जहाँ पूर्व से ही पिताजी(स्व. देवी प्रसाद पसबोला) ने हमें जीवन को सरल से सरलतम रूप में जीने की प्रेरणा दी थी जो जीवनपर्यन्त उनके द्वारा दी गयी एक विरासत के रूप में मेरे पास रहेगी तो वही  मेरी माँ(श्रीमती सरस्वती देवी) ने मुझे सदैव एक सच्चे गुरु के रूप में उत्कृष्ट मार्गदर्शन देती आयी है।मेरी धर्मपत्नी (रुचि पसबोला) ने मुझे एक बेहतरीन जीवनसंगनि के रूप में मेरे हर कार्य मे मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ सहयोग एवं योगदान दिया है।वही  छोटे भाई कृष्णा एवम वंदना (छोटे भाई की पत्नी) की बात करू तो उन्होंने एक अतिघनिष्ट मित्र के रूप में मेरे जीवन के विषम से विषम परिस्थितियों में अपना अमिट योगदान मुझे दिया है एवम बच्चा पार्टी (आशना, आयुष, आरोही एवम आघ्या) का मेरे प्रति उनके वात्सल्य ने अपनी-अपनी इस विशिष्ट भूमिका में सदैव मेरे जीवन में अभूतपूर्व एवम अविस्मरणीय योगदान मुझे देते आयें हैं।जिसके परिणामस्वरूप ही मैं स्वयं के भावों को विचारों के रूप में स्वच्छंद एवं स्वतन्त्र रूप दे पा रहा हूँ।

    किसी लेखक की लेखन की एक खास विशेषता यह होती है कि वह किसी से प्रत्यक्ष रूप से मिले बिना अपने जीवन के संग्रहित विचारों के माध्यम से अपने पाठकों से समन्वय स्थापित कर,अपने उत्कृष्टतम विचारों को उनके समक्ष सफलतापूर्वक रख पाता हैं।जिसके परिणामस्वरूप पाठक उसका मूल्याकंन कर, स्वयं के जीवन मे उन विचारों का आत्मसार कर सकते है एवम उन प्राप्त विचारों के सकारात्मक एवं प्रयोगात्मक अध्ययन से वे अपने जीवन मे अनिवार्य परिवर्तन ला सकते है जो एक लेखक की लेखन की वास्तविक सार्थकता को सिद्ध करता है।

    किताबें हमें क्यों पढ़नी चाहिए ? एवं किताबों का हमारे जीवन में क्या महत्ता है? इस बात का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि – जिस तरह तलवार की धार को बनाए रखने के लिए हमें उस तलवार को पत्थर में रगड़ना पड़ता है।ठीक उसी प्रकार मनुष्य को अपने मन एवम मस्तिष्क की धार को तेज रखने के लिए किताबों से मंथन की आवश्यकता पड़ती है। अच्छी किताबें हमारे जीवन का वह प्रतिबिंब होती है जो हमें जीवन की वास्तविकता से साक्षात्कार करवाती है।तो आईये! हम अपनी वास्तविकता की ओर बढ़ते है और किताबें पढ़ते है।

सम्पर्क

Phone No : 9622724165, 7298012697
Email Address : gopiruchiaashna@gmail.com
Address : Gopi Prasad Saraswati sadan Siddheshwar lane 1 Kedarpur, sanari mata mandir, Keadarpur, near Vrinda garden Dehradun Uttarakhand – 248001

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Ruchi pasbola

V nice good job keep itup

Ruchi pasbola

V nice good job keep it up

Ruchi pasbola

Good job keep it up 👍

Pradeep kumar

I am very happy and feel honour to write first comment on the book of my multi talented, well educated and good physique , friend cum younger brother Gopi prasad. This book covers gist of life experiences by writer. A must read to everyone. I hope after reading the contents you will definitely find some solution for your journey✈ of life. Best of luck dear Gopi 🙏

Pradeep kumar

Big congratulations🎉🎊 I am very happy and feel honour to write comment on the book titled “Jeevan ek Pathsala”, which is written by one and only multi talented, energetic and owner of good physique , Mr. Gopi prasad
I believe that ,it is a full coverage of authors life journey , which will inspire to each and everyone who go through this 📕Proud to have a friend like Gopi.. Best of luck dear

A k Singh

Very nice big boss

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