राजेश मंडार जी ने जीवन के विभिन्न पहलुओं और आयामों को अपनी रचनाओं के माध्यम से इस पुस्तक में उजागर किया है तथा हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। रचनाओं को पढ़कर ऐसा प्रतीत होता है कि राजेश मंडार जी ने बचपन को बखूबी जिया है और उस समय की हर एक बात उनको अच्छे से याद है। दूसरी तरफ राजेश जी ने अपनी दृष्टि मानव मूल्यों और भारतीय संस्कृति पर भी डाली है।