शब्दांकुर प्रकाशन

Karwan Guzar Gaya

Karwan Guzar Gaya by Dr Pradeep Sumnakshar

ISBN -

Subject -

Genre -

Language -

Edition -

File Size -

Publication Date -

Hours To Read -

Pages -

Total Words -

978-81-951824-1-1

Poems

Nature

Hindi

1st

21 MB

February 2022

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128

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ABOUT BOOK

“कारवां गुजर गया” एक काव्य संग्रह है जो प्रेम, चाहत, दर्द और अनेक मन के रंगों को अपने मे समाए है।

About Author

लेखक का जन्म 29 मार्च 1972 को दिल्ली के मुखमेलपुर में हुआ। वे पेशे से एक अध्यापक हैं और मन व कर्म से एक कवि। उन्हें सूफी, ग़ज़ल, संगीत बहुत पसंद है। उनकी प्रकाशित पुस्तकें स्नेहा, पत्तियाँ, मेरा वतन, पंखुड़ियाँ, तसव्वुर, तारीखें, चन्द्री, ख़याल, बूँदें व कारवाँ गुज़र गया पाठकों द्वारा बहुत सराही जा रही हैं। वे नारायणी साहित्य अकादमी, दिल्ली के सचिव; नीरज फैंस क्लब, दिल्ली के सचिव एवं कवितामंच, दिल्ली के अध्यक्ष के रूप में साहित्य की सेवा में निरंतर गतिशील हैं।

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