शब्दांकुर प्रकाशन

khandit yakshini by Dr. Rama Dwivedi

ISBN -

Subject -

Genre -

Language -

Edition -

File Size -

Publication Date -

Hours To Read -

Pages -

Total Words -

978-81-19686-34-6

Stories

Nature

Hindi

1st

39.8 MB

May 2024

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122

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ABOUT BOOK

‘खंडित यक्षिणी’ कहानी संग्रह डॉ. रमा द्विवेदी जी की सृजन यात्रा की पाँचवीं पुस्तक है और गद्य विधा की यह दूसरी पुस्तक। इसके पहले डॉ. रमा द्विवेदी जी की दो कविता संग्रह ‘दे दो आकाश’, ‘रेत का समंदर’, एक हाइकु संग्रह ‘साँसों की सरगम’, एक लघुकथा संग्रह ‘मैं द्रौपदी नहीं हूँ’ प्रकाशित हो चुके हैं।
इस कहानी संग्रह में मानव जीवन की प्रवृत्तियाँ, कुवृत्तियाँ, सामाजिक विसंगतियाँ, नारी मन की पीड़ा एवं प्रेम और मानवीय कमजोरियों से युक्त विविध भाव भूमि पर आधारित कहानियाँ बुनी गई हैं। इनका कथानक अपने आस-पास घटित घटनाओं से लिया गया है। ये सब जीवन के अनुभूत सत्य भी हैं जिन्हें डॉ. रमा द्विवेदी जी ने पात्रों के चरित्रों और संवाद के माध्यम से शब्दों का जामा पहनाने का प्रयास भर किया है।

ABOUT AUTHOR

डॉ. रमा द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1953, ग्राम-पाटनपुर, जिला हमीरपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ। विवाह कृषि वैज्ञानिक डॉ एस एल द्विवेदी के साथ हुआ । 16 वर्षों तक स्थानीय कॉलेज, हैदराबाद में हिंदी अध्यापन एवं स्वैच्क्षिक अवकाश। वे हिंदी में पी एच डी, एम् फिल, एम ए हैं। उनकी पुस्तकें- दे दो आकाश (2005, काव्यसंग्रह), रेत का समंदर (2010, काव्यसंग्रह) तथा साँसों की सरगम (2013, हाइकु संग्रह) प्रकाशित हो चुकी हैं तथा ‘दे दो आकाश’ एवं ‘रेत का समंदर’ का ई बुक संस्करण भी प्रकाशित हो चुका है। ‘भाव कलश’ ताँका संकलन में ताँका संकलित (संपादन- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’, डॉ भावना कुँवर), ‘यादों के पाखी’ हाइकु संकलन में हाइकु संकलित (संपादन- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’, डॉ .भावना कुंवर, डॉ हरदीप संधु), ‘आधी आबादी का आकाश’ हाइकु संकलन में हाइकु संकलित, (संपादन- डॉ अनीता कपूर), ‘शब्दों के अरण्य में’ संकलन में उनकी कविताएँ संकलित हुई हैं। ‘हिन्दी हाइगा’, ‘सरस्वती सुमन’, ‘अभिनव इमरोज’ , ‘सीपियों में सागर’, ‘मधुमालिका’, ‘हाइकु -2019’ में भी उनकी अनेक रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं।विश्वगाथा , सृजनलोक, कादम्बिनी, संकल्य, सार्थक नव्या में रचनाएं प्रकाशित एवं कविता कोश तथा अनेक स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं। 14 वर्षों तक ‘पुष्पक’ साहित्यिक पत्रिका की सम्पादक रह चुकी हैं। डॉ आशा मिश्रा के द्वारा ‘पुष्पक’ पत्रिका के 25 अंकों पर एम फिल की डिग्री हेतु शोध कार्य संपन्न हुआ है। वे गीत, छंदबद्य कविता, मुक्तक, क्षणिका, कुंडलियां, घनाक्षरी, दोहे, हाइकु, कहानी, लघुकथा, समीक्षा आदि विधाओं में लेखन करती हैं। उन्हें साहित्य गरिमा पुरस्कार, महादेवी वर्मा श्रेष्ठ सम्मान, भाषा रत्न सम्मान, परिकल्पना सम्मान जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है। उनकी एक कहानी ‘खंडित यक्षिणी’ का मंडी थियेटर, शिकागो द्वारा मंचन भी किया गया है। उनकी रचनाओं का आनंद लेने के लिए kavitakosh:www.kavitakosh.org/ramadwivedi और http://ramadwivedi.wordpress.com (अनुभूति कलश) जैसी वेबसाइट को भी देखा जा सकता है।

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