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Publication Date -
Hours To Read -
Pages -
Total Words -
978-93-85776-74-8
Poetry
Nature
Hindi
1st
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ABOUT BOOK
शिक्षा, साहित्य एवं संस्कृति की त्रिवेणी के रूप में लब्ध प्रतिष्ठित श्री नेमीचन्द शाण्डिल्य की प्रथम कृति “ममत्व के धागे” मानवता, भाईचारा, सद्भावना, प्रेम, सहानुभूति, देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम, कर्तव्यनिष्ठा आदि विषयों के विविध पक्षों को समेटे हुए है। यह कृति नवरस एवं षट् व्यंजन की अनुभूति कराती है। संग्रह की अनेक रचनाएं प्रकृति चित्रण एवं मनोविज्ञान के सूक्ष्म भावों का बोध कराती हैं। कवि का अदम्य उत्साह काव्य-पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। यह कृति पाठकों में ज्ञान उत्साह, जिज्ञासा, प्रेरणा आदि का संचार करने में सहायक है। पर्यावरण प्रदूषण, मानवीय संवेदना, सामाजिक समस्याएं आदि विषय भी कृति के प्रमुख विषय रहे हैं। कवि महापुरुषों के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करना एवं सामाजिक विद्रूपता और समस्याओं को उजागर करना नहीं भूले हैं। “ममत्व के धागे” कृति में लगभग सभी रचनाएं छंद मुक्त शैली में लिखी गई हैं तथापि गेयता विद्यमान है। सार्थक शब्द चयन, अलंकार, रस , गुण, मुहावरों, लोकोक्तियों आदि का प्रयोग कृति को अलंकृत करने में पूर्णतया सफल रहा है। यह कृति पाठकों के लिए ज्ञान एवं प्रेरणा का स्रोत है। इसलिए पाठक इसे अवश्य पढ़ने का श्रम करें और अपने विचार लेखक के साथ सांझा करें।