शब्दांकुर प्रकाशन

Manas Ke Geet by Vinay Vinamr

ISBN -

Subject -

Genre -

Language -

Edition -

File Size -

Publication Date -

Hours To Read -

Pages -

Total Words -

978-93-85776-21-2

Poetry

Nature

Hindi

1st

15MB

january 2021

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96

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ABOUT BOOK

मानस के गीत एक स्वर साधक कवि की ज्ञेयात्मक रचना है। इस कविता संग्रह की विशिष्टता इसकी भावनास्पदता है। इसमें जीवन के अनुभवों का रसपूर्ण प्रकाशन इस प्रकार हुआ है,जो किसी भी सुधी पाठक के लिए मर्मस्पर्शी है। कवि का मूल स्वर राष्ट्रीयता है। इस काव्य संकलन मानस के गीत का काव्य सौष्ठव गीतिकाव्य का आवरण पहनकर पाठकों के समक्ष प्रस्तुत हुआ है, जिसमें आवश्कतानुसार कवि ने गीत,घनाक्षरी,सवैया एवं मुक्तक की शैली का सफल प्रयोग किया गया है।

ABOUT AUTHOR

विनय शुक्ल विनम्र का जन्म 10 अक्टूबर 1967 को पलामू जनपद (झारखंड) के रतनाग गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनकी माता का नाम स्वर्गीय अमरावती देवी तथा पिता का नाम स्वर्गीय शिव प्रसाद शुक्ल था; जो एक किसान थे। इनका वास्तविक नाम विनय कुमार शुक्ल है। किसान पुत्र होने के कारण विनय जी का बाल्यकाल भी संघर्ष पूर्ण रहा। प्रारंभिक शिक्षा एक छोटे से गांव से प्राम्भ होकर एक छोटे शहर तक पहुँची। बचपन से ही इन्हें कला, संस्कृति से लगाव था, गायन एवं ग्रामीण मंचो पर अभिनय करके लोगों के चहेते बन गए थे। ब्राह्मण उच्च विद्यालय डालटनगंज से दसवीं एवं गणेश लाल अग्रवाल महाविद्यालय डालटनगंज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त करके विनय जी रोजी रोटी की तलाश में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर प्रस्थान किये तथा आजादपुर फल मंडी में फलों का व्यापार प्रारम्भ कर दिया। इसी दौरान इनका विवाह शोभा पांडेय जो आगे चलकर शोभा शुक्ल बनी से हुआ। चूँकि कला, संस्कृति से लगाव अटूट रहा तो कवि सम्मेलनों को सुनना विशेषकर वीर रस की कविताएं इन्हें बहुत पसंद थी, अतः इसी क्रम में ओजस्वी कवि श्री देवेश तिवारी देवेश का सानिध्य इन्हें प्राप्त हुआ, जो इनके काव्य गुरु बन गए और विनम्र उपनाम प्रदान करते हुए विनय कुमार शुक्ल को विनय विनम्र बना दिया। गुरु कृपा से विनय विनम्र का कवि रूप में जन्म मंच पर हुआ। इस दौरान इन्हें ज्योत्सना, जागृति दो पुत्रियां एवं दिव्यांशु पुत्र के रूप में प्राप्त हुए। गुरु कृपा से विनय जी निरंतर काव्य सृजन के छेत्र में आगे बढ़ते रहे तथा लाल किला समेत राष्ट्र के अनेक प्रतिष्ठित मंचो, टीवी चैनलों, समाचार चैनलों आकाशवाणी, दूरदर्शन से अनवरत काव्य पाठ कर रहें हैं तथा कई सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैं।

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