नाम : मनीष श्रीवास्तव
पिता का नाम : श्री विभूति प्रसाद
जन्म तिथि : 1 जुलाई 1971
जन्म स्थान : वाराणसी, उत्तर प्रदेश
शिक्षा : बी.कॉम, एम.बी.ए.
अभिरुचि : कविताएं लिखना, गिटार बजाना
सम्प्रति : व्यवसाय
लेखक परिचय
मनीष श्रीवास्तव “बादल” जी का जन्म वाराणसी, उ.प्र. में 1 जुलाई 1971 को हुआ। आपने स्कूली शिक्षा वाराणसी से पूरी करते हुए, काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बी.कॉम. किया। तत्पश्चात मगध विश्वविद्यालय, गया, बिहार से सर्वोच्च अंक प्राप्त करते हुए एम.बी.ए. किया। आप अलग-अलग कंपनियों और स्थानों पर पदस्त रहे। 2009 में भोपाल, मध्य प्रदेश में बहुराष्ट्रीय कंपनी वोडाफ़ोन में ‘पोस्ट पेड हेड’ तत्पश्चात ‘रिटेल हेड’ के पद को सुशोभित किया। 2017 में नौकरी से त्यागपत्र देकर वर्तमान में भोपाल में ही स्वयं का व्यवसाय कर रहे हैं। आपके परिवार में माँ, पिता जी के अलावा पत्नी, दो बेटियां, एक छोटा भाई और तीन बड़ी बहनें हैं। ग़ज़ल, दोहे, गीत और कहानी लेखन के साथ-साथ आपको गिटार बजाना और गायन बहुत प्रिय है।
प्रतिनिधि रचना
ग़ज़ल
नफ़रतों को काटती है उल्फ़तों की धार बस
प्यार करिये प्यार करिये प्यार करिये प्यार बस
ये कहाँ की मुंसिफ़ी है ये कहाँ की रीत है
गुल उन्हें जो बेवफ़ा हैं बावफ़ा को ख़ार बस
क्यों नहीं कहते हो खुल के क्यों ये लब ख़ामोश हैं
क्यों फ़क़त हो खींचते पन्नों में कुछ अशआर बस
मुझको फ़ुर्सत है नहीं जो प्यार की पोथी पढूं
मुझको करते हैं प्रभावित पोथियों के सार बस
उनके जीवन मे फ़क़त इतना दख़ल मेरा रहे
उनकी नैया ग़र डिगे तो मैं बनूँ पतवार बस
अब समझ आयीं उसे ग़ज़लों की सब बारीकियां
अब वो ग़ज़लें कम कहे है, साल में दो-चार बस
हुस्न की पेचीदगी “बादल” नहीं समझा कभी
इश्क़ के सँग हुस्न करता ही रहा व्यापार बस
सम्पर्क
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ईमेल : man.sriv7@gmail.com
पता : फ्लैट न. टॉप – 3, नर्मदा ब्लॉक, अल्टीमेट कैंपस, शिर्डीपुरम, कोलार रोड, भोपाल 462042, मध्य प्रदेश
शब्दांकुर प्रकाशन को बेहद शुक्रिया