शब्दांकुर प्रकाशन

Rahasyamayi Duniya by Ashok Kumar 

ISBN -

Subject -

Genre -

Language -

Edition -

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Publication Date -

Hours To Read -

Pages -

Total Words -

978-81-19686-13-1

Scientific

Nature

Hindi

1st

7.11 MB

May 2024

118

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ABOUT BOOK

“रहस्यमयी दुनिया” अशोक कुमार कश्यप द्वारा लिखित एक दिलचस्प पुस्तक है, जो वैज्ञानिक दुनिया की अद्भुत खोजों और रहस्यों पर आधारित है। इस पुस्तक में लेखक ने विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे ब्रह्मांड, परमाणु, जीवन की उत्पत्ति और पृथ्वी के अदृश्य पहलुओं की खोजों को विस्तार से प्रस्तुत किया है। पुस्तक में वैज्ञानिक तथ्यों और सिद्धांतों के माध्यम से उन रहस्यों को उजागर किया गया है, जिन्हें हम सामान्य जीवन में नहीं देख पाते हैं। “रहस्यमयी दुनिया” उन पाठकों के लिए एक आदर्श पुस्तक है, जो विज्ञान और उसके अनदेखे पहलुओं के प्रति उत्सुक हैं और अपने ज्ञान को विस्तार देना चाहते हैं।

ABOUT AUTHOR

अशोक कश्यप का जन्म 09 जुलाई 1970 को बुलंद्शहर जिले (उत्तर प्रदेश) के जहंगीराबाद कस्बे के पास एक छोटे से गाँव बझेडा में एक मजदूर परिवार में हुआ। उनकी माता का नाम श्रीमती परमेश्वरी देवी तथा पिता का नाम श्री टीकाराम कश्यप हैं। इनकी आरंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। जब वे 15 साल के हुए तभी से पढाई के साथ घर-परिवार की जिम्मेदारी भी उठाने लगे। इसके कारण उनका प्रारंभिक जीवन संघर्षमय रहा। अशोक कश्यप ने पारिवारिक कर्ज़, गरीबी, बेकारी, लाचारी, को पंद्रह साल की उम्र में ही देख लिया था। इसीलिए उनके ये अनुभव एक जबर्दस्त सचाई लिए हुए उनकी रचनाओं में झलक उठते हैं। उनकी बचपन से ही पढ़ने में और संगीत में बहुत रुचि थी‌ यही कारण था कि जब भी उनके गांव या पड़ौसी गाँवों में उस समय मनोरंजन के लिये स्वांग-तमाशे, ढोला, नौटंकी आदि होते थे तो वो 8-9 वर्ष के ही अकेले बड़ी तन्मयता से उनको देखते-सुनते थे। उन्हीं दिनों उनके पिताजी एक टू इन वन (रेडियो/टेपरिकॉर्डर) ले आये तो मानो उन्हें मन की मुराद ही मिल गई हो। रात को 11-12 बजे तक भी वो रेडियो पर गाने और अन्य कार्यक्रम सुनता रहते। उस समय गांव में रहते हुए ही उनके बी.बी.सी. लन्दन, वॉइस ऑफ़ जर्मनी, वॉइस ऑफ़ अमेरिका, रेडियो मॉस्को आदि स्टेशन सुनते रहने तथा उनसे पत्र व्यव्हार भी करते रहने के कारण, पड़ौस के गाँव ‘अंधियार’ के डाकखाने में जब भी उनकी विदेशी चिट्ठियां आतीं तो स्वयं डाकिया और अन्य गांव वासी उनकी एयरमेल चिट्ठियां देखकर बड़ा आश्चर्य प्रकट करते कि इस साधारण से लडके के पत्र विदेशों से आते हैं।वर्ष 1988 में जर्मन भाषा सीखने के लिए उन्हें पुस्तकें भी आईं थीं। 1996 में उनका विवाह श्रीमती सरोज बाला कश्यप के साथ दिल्ली में ही हुआ। वे सुशिक्षित महिला हैं और दिल्ली में ही जिला न्यायालय में उच्च पद पर कार्यरत हैं। उनकी दो संताने हैं– श्री अभिनव कश्यप, जो सोफ्ट्वेयर इंजीनियर हैं तथा दीपाली कश्यप जो डाक्टर हैं। 1990 में बी.एस.सी करने के बाद अशोक कश्यप गांव बझेडा से दिल्ली आये तथा एक स्थानीय कोचिंग सेंटर में शिक्षक नियुक्त हो गए। नौकरी के साथ ही उन्होंने पढ़ाई जारी रखी तथा बी.एड. और एम.ए. किया। अंत में 1994 में वो मौसम विज्ञान विभाग के मुख्यालय, लोदी रोड, नई दिल्ली में मौसम वैज्ञानिक के पद पर नियुक्त हुए।

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