ISBN -
Subject -
Genre -
Language -
Edition -
File Size -
Publication Date -
Hours To Read -
Pages -
Total Words -
978-81-19686-56-8
Poetry
Nature
Hindi
1st
30.7 MB
December 2023
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124
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ABOUT BOOK
“रुद्रांजलि: भारत के वीरात्माओं को” काव्य–संग्रह में आक्रांताओं से त्रस्त माता भारती को मुक्त कराने हेतु स्वातंत्र्य–यज्ञ की बलिबेदी को भारत के वीर पुरुष और ललनाओं ने अपने रक्त–प्रसून से सजा कर रणचंडी को प्रसन्न किया ।
उनके आत्म–बलिदान को, भारत की समृद्ध विरासत को, वीरात्माओं की ओजगाथा को, काव्य-संग्रह के रूप में सँजो कर आपके सामने लाने का मेरा प्रयास कितना सार्थक और सफ़ल है ये तो आप जैसे सुधि पाठक ही बताएँगे ।
भारत के इन वीर पुत्रों और पुत्रियों की गाथा को “रुद्रांजलि” देकर उनके शौर्य और पराक्रम को शत् शत् नमन, वंदन और अभिनंदन करती हूँ ।
डॉ. ममता झा “रुद्रांशी”
शिक्षाविद्, लेखिका व कवयित्री