नमस्कार
शब्दांकुर रचना संसार मे आपका स्वागत है। प्रस्तुत हैं कुछ कवितायें –
कविता संसार
जीत कभी है हार ज़िन्दगी।
तेरा मेरा प्यार ज़िन्दगी।
ठीक नही इतनी भी जिद्दी,
कर देगी टकरार ज़िन्दगी।
तूफानो में साथ अगर तू,
कर दे बेड़ा पार ज़िन्दगी।
याद करो मीठे मीठे पल,
छोड़ो जो थे खार ज़िन्दगी।
इक इक लम्हा भारी अब तो,
क्यों लगती है भार ज़िन्दगी।
चल पोंछे उसके भी आँसू,
जिसकी है लाचार ज़िन्दगी।
दोष भला क्या मजदूरों का,
मालिक की है मार ज़िन्दगी।
कोख न सूनी कर तू माँ की,
बेटी भी उपहार ज़िन्दगी।
उसने दी है वो ही जाने,
किसकी है दरकार ज़िन्दगी।
उसकी आँखों मे जब झाँका,
लगती है साकार ज़िन्दगी।
हार गया जो खुद से ही वो,
जीता क्या दिन चार ज़िन्दगी।
घूम लिया मैंने जग सारा,
छोटा सा संसार ज़िन्दगी।
मौत बिगाड़ेगी क्या उसका,
जीता जो दिलदार ज़िन्दगी।
“निगम” बड़ी हो या फिर छोटी,
जी ले मेरे यार ज़िन्दगी।
नाम-बलराम निगम
पता-कस्बा-बकानी,जिला-झालावाड़, राजस्थान, भारत।
रुपया
धन दौलत के गीत गा, बदलो अपनी चाल।
सबसे ज्यादा खास है, रुपया इस कलिकाल।
रुपया इस कलिकाल समझ लो इसको भाई।
इज्जत भी नीलाम पास में अगर न पाई।
रुपया कायम कर रहा अजब अनोखी रीत।
हर कोई गा रहा है धन दौलत के गीत।।
सतीश मिश्र ‘अचूक’
बिष बेल
जला जलाकर शहर दर शहर
कैसे इतरा सकता है कोई।
भूखे प्यासे लोगों को दहशत
अनगिनत जनों ने चैन है खोई।
अहंकार खुद पर इतना गर
दुख दूर करो दुखियों का जरा।
तुम शक्तिमान कहलाते गर हो
कुछ काम करो जो लगे खरा।
तुमने तो अपने अहंकार में
बिष बेल विनाश की हैं बोई।
कितनी है गरीबी इस जग में
वह भूख प्यास नित सहते हैं।
फुटपाथों पर ही कुछ रहते हैं
कुछ खानाबदोश फिरते रहते है।
अगर बहुत क्षमता है तुझमें
आँखो के आंसू पोंछो जो रोई।
बम गोली बारूद चलाकर
कितनी जानों को लील रहा है।
जीवन गर दे सकता है नहीं
क्यों फिर उसको छीन रहा है।
जला जलाकर शहर दर शहर
कैसे इतरा सकता है कोई।
डाॅ सरला सिंह “स्निग्धा”
ग़ज़ल
ये पता सभी को है पूँछ लो ज़माने से।
तुम कभी नहीं थकते छुट्टियां मनाने से।
चाहहोअगरदिलमेंकुछनहींहैनामुमकिन,
रास्ता निकल आता रास्ता बनाने से।
रायगां नहीं जातीं कोशिशें यक़ीं जानो,
मानते सभी रूठे जा उन्हे मनाने से।
उम्र झूठ की छोटी भूल कर नहीं बोलो,
राजकाज चलताकब झूठके फसानोंसे।
ज़ुल्म के तमाशोंसे मतदबा हमें हिटलर,
हम कभी नहीं दबते बेसबब दबाने से।
हमीद कानपुरी,
अब्दुल हमीद इदरीसी,
279, मीरपुर, कैण्ट, कानपुर