शब्दांकुर प्रकाशन

Sushrut Pant ‘Zarraa’

नाम : सुश्रुत पंत “ज़र्रा”
पिता का नाम : देव प्रिय पंत
जन्म तिथि : 14 अगस्त 1975
जन्म स्थान : कानपुर
अभिरुचि : शायरी
सम्प्रति : मार्केटिंग

लेखक परिचय

सुश्रुत पंत “ज़र्रा“ का जन्म कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ और शिक्षा दिल्ली, मुंबई व अहमदाबाद में हुई। ये पिछले 22 वर्षों से मार्केटिंग के क्षेत्र में हैं और देश-विदेश में अंतरराष्ट्रीय कम्पनियों के साथ काम करते आए हैं। आजकल ये शिकागो, अमेरिका में अपने परिवार के साथ रहते हैं। ये ज़र्रा के तख़ल्लुस से कई वर्षों से शायरी करते आए हैं और फ़ेसबुक के माध्यम से सुख़न फ़हम दोस्तों से लगातार जुड़े हुए हैं।

प्रतिनिधि रचना

कुछ इस तरह मेरे दिल का निज़ाम हो जाये
जहां क़याम हो मेरा मक़ाम हो जाये

कटेगा आलम-ए-तनहाई में ये दिन कैसे
सुबह को सोचने बैठूं तो शाम हो जाये

इलाज सब की नज़र में है कामयाब तबीब
तेरा मरीज़ भले ही तमाम हो जाये

भला हो काम तो ये इंतेज़ाम है मंजूर
के मेरा काम हो और तेरा नाम हो जाये

जो मुद्दओं पे मुझे ख़ल्क़ कर रही रुसवा
मेरी नज़र में मेरा एहतेराम हो जाये

अभी तो नश्शे से क़ीमत चुकानी पड़ती है
ये बेख़ुदी जो मिले मुफ़्त आम हो जाये

लिहाज़-ए-अहद-ए-वफ़ा और शोर-ए-तर्क-ए-वफ़ा
रह-ए-वफ़ा का सफ़र गाम गाम हो जाये

सदा सदा के लिये छोड़ दी है दिल की गली
मगर कभी कभी ज़ौक़-ए-ख़िराम हो जाये

कभी तो “ज़र्रा” सुख़न से भी आगे बात बढ़े
जो है कलाम में वो हम-कलाम हो जाये

सम्पर्क

फोन : +13126591090
ईमेल :  zarraa@rediffmail.com
पता : 721, W Blackjack Street, Illinois 60610, USA

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Manish Srivastava

ज़र्रा भाई, नमस्कार 🙏

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