नाम : उर्वशी कर्णवाल
पति का नाम : श्री विकास कर्णवाल
जन्म तिथि : 25 जून
जन्म स्थान : सहारनपुर
शिक्षा : M.A., B.Ed, L.L.B.
अभिरुचि : पढ़ना, लिखना, स्केच बनाना, पुराने गीत सुनना
सम्प्रति : Self employed
लेखिका परिचय
लेखिका का जन्म ग्रामीण परिवेश में एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। पिता श्री यशपाल सिंह एवं माता उमा देवी के परिवार में तीन बहनों व एक भाई में वे सबसे बड़ी हैं। उनका पालन पोषण अत्यंत साधारण तरीके से होने के बावजूद उनके माता-पिता ने उनको उच्च शिक्षा दिलवाई। लेखन में उनकी आरंभ से ही रुचि रही है। विवाह एक व्यापारिक परिवार में हुआ। पति श्री विकास कर्णवाल जी ने सदैव लेखन हेतु प्रोत्साहित किया। बेटी स्वर्णिमा मेडिकल स्नातक और बेटा अन्तरिक्ष प्रबंधन स्नातक में अध्ययनरत हैं। वे अपना समय अपनी रुचि में लगाती हैं। पति के साथ मिलकर वे निर्धन बच्चों के लिए नि: शुल्क लगभग 100 बच्चों का विद्यालय चला रहीं हैं। निरन्तर सक्रिय लेखन लगभग 2016 से कर रही हैं। हिन्दी छंदो में उनकी विशेष रुचि रही है। शुद्ध साहित्यिक लिखना प्रमुख ध्येय है। काव्य की अनेक विधाओं में सृजन करती हैं। गज़लों पर भी समान अधिकार है। मुख्य ध्यान छंदाधारित गीतों पर ही केन्द्रित किया है। गीत व रचनाएं अनेक पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं। तीन-चार साझा संग्रहों में भी उनकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। फेसबुक समूह छंद-सुरसरि द्वारा तथा सुप्रसिद्ध नवगीतकारा अनामिका सिंह के सम्पादन में प्रकाशित चुनिन्दा 15 कवियों में उनकी रचनाओं व सवैयों का प्रकाशन हुआ। उनकी प्रथम कृति “मैं प्रणय के गीत गाती” गीत संग्रह प्रकाशाधीन है। समय-समय पर अनेक समूहों द्वारा रचनाओं को सम्मान मिलता रहता है। अभी हाल में उन्हें ही बिजनौर सांध्य दैनिक ने काव्य गौरव सम्मान 2022 से सम्मानित किया है।
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