शब्दांकुर प्रकाशन

Ghantu ke Kraname by Trilok Chand Fatepuri

ISBN -

Subject -

Genre -

Language -

Edition -

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Publication Date -

Hours To Read -

Pages -

Total Words -

978-93-85776-75-5

Haryanvi Kisse

Nature

Hindi

1st

40 MB

April 2021

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118

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ABOUT BOOK

हंँसती-हंँसाती, गुदगुदाती हरियाणवी कहानियांँ लेखक श्री त्रिलोक फतेहपुरी द्वारा रचित ‘घंटू के कारनामे’ (हरियाणवी किस्से) नामक पुस्तक में हरियाणवी माटी की महक को महसूस किया जा सकता है। हरियाणवी पात्र घंटू के माध्यम से रचनाकार ने हरियाणवी लोक जीवन की सतरंगी छटाओं को विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से जीवंतता के साथ प्रस्तुत किया है, जिनमें कहीं हरियाणवी हास्य के रोचक उदाहरण हैं तो कहीं सामाजिक विसंगतियों एवं विद्रूपताओं पर करारी चोट साफ तौर पर समझी जा सकती है। घंटू के इन कारनामों में हास-परिहास के बीच अनेक गूढ़ संदेश भी छिपे हुए हैं। ऐसा लगता है लेखक कहीं न कहीं यह मानते हैं कि हँसी का स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। इसीलिए यह चिकित्सा शास्त्र की विशेष शाखा ‘लाॅफिंग थेरेपी’ का भी प्रतिनिधित्व करती रचना कही जा सकती है।

हरियाणवी लोक जीवन के बहुआयामी पक्षों को मुखरित करती कृति की कहानियांँ प्रदेश की लोक संस्कृति का दर्पण कही जा सकती हैं। गांव-देहात में प्रचलित विभिन्न लोक-किस्सों को हँसौड़ पात्र घंटू के माध्यम से प्रस्तुत कर रचनाकार ने इसे लोक कथानकों की एक सुंदर माला बना दी है, जिसमें लोक जीवन में रचे बसे अनूठे संदेश हैं।

ABOUT AUTHOR

त्रिलोक चंद का जन्म 04 अक्तूबर ,1959 को गांव फतेहपुर, अटेली, महेंद्रगढ़, हरियाणा में हुआ।इनके पिता का नाम श्री नंद राम और माता का नाम श्रीमती केशर देवी है। इनके पिता मजदूरी किया करते थे। इनकी शिक्षा एम.ए., बी.एड. है। ये शिक्षा विभाग हरियाणा में अध्यापक के पद पर कार्यरत रहे और लगभग 39 वर्ष सेवा उपरांत हिंदी प्रवक्ता के पद से सन् 2017 में रिटायर हुये। इनका विवाह श्रीमती संतोष देवी के साथ हुआ। ये पिछले 35 वर्षों से लेखन कार्य कर रहे हैं।

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